Wednesday, June 9, 2010

My First Poem !!



प्यार मे ठोकर खायी,
ज़िन्दगी ने भी बहुत सताया !!

आंखे भी रोते रोते थक गयी,
फिर समझ में आया,
की कुछ लोग हमारे हो
ते ही नहीं,
तो फिर भी क्यों उन्हें ही अपनाया !!

जवाब धुन्ड़ता हु, नहीं मिलता,
रोने को कही कन्धा भी नहीं मिलता,
सोच सोच कर थक गया,
पर फिर एक दिन एक ठंडी हवा का झोका आया,
सारे  दुःख और गम उड़ा ले गया !!

शायद बड़ी देर से  समझ आया की गम के बाद ख़ुशी भी आती है,
और अगर ख़ुशी तेरे जैसी हो, तो खुदा करे गम ही आये !!