Thursday, January 24, 2013

मोहब्बत आज भी है !!




उसकी आँखों में मेरी मोहब्बत की चमक आज भी है ,

पर उसको मेरी मोहब्बत पर शक आज भी है ,


नाव पर बैठ कर हाथ धोये थे उसने ,

उस तालाब में उसकी मेंहदी की महक आज भी है ,


बहुत तन्हाई है मेरे गमो में मगर ,

मेरी यादो में उसकी पायल की छनक आज भी है ,


वो कहता हैं ,अब कुछ पहले सा नहीं है 

मगर हम मिलते थे जहा , वो जमी वो फलक आज भी है .


लाख कोशिश करे वो अपनी मोहब्बत को नफरत से छुपाने की मगर ,

उसकी नफरत में मेरी मोहब्बत की झलक आज भी है .


छू तो नहीं पाया उसे प्यार से कभी ..

पर मेरे होठों पर उसके होठों की झलक आज भी है .


हर बार पूछते है , हमारी चाहत का सबब ..

वैसी ही इश्क की ये परख आज भी है ..


नहीं रह पाते वो भी हमारे बिना .

दोनों तरफ इश्क की दहक आज भी है