Thursday, September 9, 2010

"मौत "

जिंदगी मे दो मिनट कोई मेरे पास ना बैठा,
और आज सब मेरे पास बैठे जा रहे थे !!

कोई तोहफा ना मिला आज तक हमें,
और आज फूल ही फूल दिए जा रहे थे !!

तरस गए हम किसी के हाथ से दिए, वो छोटे से रुमाल को,
और आज नए-नए कपडे ओधाये जा रहे थे !!

दो कदम साथ ना चलने को तैयार थे कोई,
और आज काफिला बनकर संग जा रहे थे !!

आज पता चला की मौत इतनी हसीन होती है,
हम तो युही जिए जा रहे थे...!!!!




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