Sunday, April 10, 2011

वो चाँद मै सूरज हम मिल ना सके !!

वो चाँद मै सूरज हम मिल ना सके,
वो दरिया मै सागर हम मिल ना  सके,

वो पश्चिम  मै पूरब हम मिल ना सके,
वो पतझड़ मै सावन हम मिल ना सके,

वो  बचपन  मै जवानी हम मिल ना सके,
मै सच वो कहानी हम मिल ना सके,

वो तेल मै पानी हम मिल ना सके,
वो मृत्यु मै जीवन हम मिल ना सके,

वो रेत मै कश्ती हम मिल ना सके,
वो अम्बर मै धरती हम मिल ना सके,

वो नगर मै बस्ती हम मिल ना सके,
वो अँधेरा मै किरण हम मिल ना सके,

"वो सीता मै हिरण हम मिल ना सके "

1 comment:

  1. its really lovely amit...i really wonder hw u get such ideas...

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